कलियुग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। जो भी व्यक्ति सही विधि से बजरंगबली को मनाने के लिए पूजन करता है, उसे जल्दी ही शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। यदि आप भी हनुमानजी के भक्त हैं और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो यहां दीपक का एक पूजन बताया जा रहा है। यह पूजन सूर्यास्त के बाद करना है।
पूजन करने से पहले ध्यान रखें ये सामान्य
सावधानियां :=
हनुमानजी के पूजन में साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की अपवित्रता नहीं होनी चाहिए। जब भी पूजा करें, तब हमें मन से और तन से पवित्र हो जाना चाहिए। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर मन को भटकने न दें। यह कुछ सामान्य सावधानियां हैं, जो कि हनुमानजी का पूजन करते समय ध्यान रखनी चाहिए।
पूजन के लिए जरूरी हैं ये सामान :=
मिट्टी का दीपक, सरसो का तेल, रूई की बत्ती, सिंदूर, चमेली का तेल, अगरबत्ती, पुष्प-हार और बैठने के लिए साफ आसन।
पूजन की विधि:=
शाम को सूर्यास्त के बाद किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाएं। इसके पूर्व पवित्र हो जाना चाहिए। मंदिर पहुंचकर हनुमानजी के सामने साफ आसन पर बैठें और सरसो के तेल का दीपक लगाएं। दीपक चौमुखा होना चाहिए यानी बत्ती इस प्रकार लगाएं कि दीपक को चारों ओर से जलाया जा सके। इस प्रकार दीपक लगाने के साथ ही अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करें। सिंदूर, चमेली का तेल चढ़ाएं। दीपक लगाते समय हनुमानजी के मंत्रों का जप करना चाहिए।
मंत्र-
ऊँ रामदूताय नम:, ऊँ पवन पुत्राय नम:। इसके बाद हनुमान चालीसा का जप करें।
विशेष:==
यदि आप पूरी हनुमान चालीसा पढऩे में समर्थ न हों तो कुछ पंक्तियों का जप भी कर सकते हैं। इस उपाय से बहुत जल्द व्यक्ति का बुरा समय दूर हो सकता है। धन संबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं।हर मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंगबली को बना हुआ बनारसी पान चढ़ाना चाहिए। बनारसी पत्ते का बना हुआ पान चढ़ाने से भी हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है।जो भक्त रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करते हैं या इनके दोहे प्रतिदिन पढ़ते हैं, उन्हें हनुमानजी का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।किसी भी खास मुहूर्त में या त्यौहार या विशेष तिथि पर हनुमानजी का पूरा श्रृंगार अपनी श्रद्धा अनुसार करवाना चाहिए। इसे चोला चढ़ाना कहा जाता है। हनुमानजी का चोला चढ़वाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पाप का प्रभाव कम होता है।
विशेष चेतावनी
उपरोक्त साधना पद्धति मात्र जानकारी के उद्देश्य से दिया जा रहा है |जैसा की शास्त्रों में दी हुई है ,हम भी पेज पर मात्र जानकारी देने के उद्देश्य से इसे प्रकाशित कर रहे हैं मात्र इस लेख के आधार पर साधना न करें |साधना पूर्व अपने गुरु से अनुमति लें और किसी सिद्ध काली साधक से सुरक्षा कवच बनवाकर जरुर धारण करें ,जो ऐसा हो की सुरक्षा भी करे औए पिशाचिनी के आगमन को रोके भी नहीं |
योग्य ग्यानी से समस्त प्रक्रिया और मंत्रादी समझ लें ,जांच लें |किसी भी हानि अथवा परेशानी के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे |
धन्यवाद.
चेतावनी
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ ! गुरू के मार्ग दर्शन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष
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